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शिशुनाग वंश। [१७ बहिन महागणी विलासवतीकी पुत्री पद्मावती थी। गुणवतीका विवाह उज्जैनीके प्रसिद्ध और विशेष गुण संपन्न वैश्य पुत्र धन्यकुमार के साथ हुआ था । गुणवती स्वयं धन्यकुमारके गुणोंपर मुग्ध हुई थी और अन्ततः उसको उत्तम कुलका पाकर सम्राट् श्रेणिकने गुणवतीका पाणिग्रहण श्रेष्टी पुत्रके साथ कर दिया था। श्वेतांबरानायके ग्रन्थों में श्रेणिककी दश रानियां बताई गई हैं, जिन्होंने चन्दना माथिकाके निकट शास्त्र अध्ययन किया था । ( ४ म०) इनके पुत्र पौत्र जैन मुनि हुये थे। • जिस प्रकार सम्राट् श्रेणिकका कौटुंबिक जीवन आनन्दमय
श्रेणिक विम्बसार और था, उसी प्रकार उनकी राजनीति कुशाग्र· अन्य राज्य । ताके कारण उनका नाजनैतिक जीवन भी गौरव पूर्ण था। महाराज उपश्रेणिकने मगध राज्यके निकटवर्ती छोटे
राजाओंको अपने आधीन कर लिया था। सम्र श्रेणिकने उनसे • अगाडी बढ़कर निकटके अंगदेशको जीत लिया और उसे अपने
राज्यमें मिला लिया। मगध राज्यकी उन्नतिका सूत्रपात इसी अंगदेशकी जीतसे हुआ और इस कारण श्रेणिक विम्बसारको यदि मगध साम्राज्यका सच्चा संस्थापक कहें तो अनुचित नहीं है। ___अंगदेश उससमय आजकलके भागलपुर और मुंगेर जिलोंके बराबर था और वहाँका शासन कुणिक मनातशत्रुके सुपुर्द था। श्रेणिक विम्बप्तारका एक अन्य युद्ध वैशालीके राजा चेटकसे भी
-वृहद् जैन शब्दार्णव, भा० १ पृ. २५ व १६७ । २-धन्यकु. मार चरित पर्व ६ म. इंऐ० भा० २० पृ. १८ । ३-अहि इ० . पृ. ३३॥