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पृष्ठ २१७
पंक्ति
९
शुद्ध
सदस्य थे
नोी नहीं धन
२३१
२२
अशुद्ध मदस्य चोरी नहीं नहीं क्न उनका ही मारा उपयोग साइन
उनमा
" २३६
२३ १३
भावा. उपभोग स्माइले.
२४३
२४५
.
२५९
एण्टिओकरा 'एभंसने टेओनीसे उसकी
ओनीसी टमकी अशोकके
. . . पारलौकिकक , पानांकिक २२ Js. Pte. Id II Je. Pes I & II १४ पापकी
अशोर की पापी ९ परायणके
परायन ૧૪ પ૦૬
पृष्ठ २६९ के फुटनोटका पहला लेक यहां परे। कम्मिन
कविमन
२६३
८६
૨૬૮
૨૯૨
2
१५ शिलालेख ५ उनी
शिलालेन उनके राज्य
२९७
उननी
000000000000000000000000000
जैनविजय" प्रिन्टिग प्रेस, सपाटिया चम्ला-सूरत-में। ___मूलचन्द किसनदास कापडियाने मुद्रित किया।