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भगवान महावीरका निर्वाणकाळ |
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प्रभु मोक्ष गए।।
प्रारम्भिक शताब्दियों में ही निर्वाणस्थिति
arre इस प्रकार विभिन्न मतों को देख
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ईश्वी सन्की
प्रचलित नहीं था ।
चीर निर्वाण सम्वत् पाइलेसे प्रचलित है कर किन्हीं लोगोंकी धारणा होजाती है और विभिन्न मत । कि पहले निर्वाण व् वह बाद में किन्हीं लोगों द्वारा चहा दिया गया है। किंतु इस कल्पना में कुछ भी तय नहीं है; क्योंकि वीर निर्वाणान् ८४का rs from area ग्रामसे मिला है जो अजमेर के अनायव घर में मौजूद है | माध्यमे यह मिळालेख टूटा हुआ अधूरा है | इस कारण उसके आधारपर निर्माणका पता नहीं चल सक्ता है। तो भी उसमें माध्यमिच नगरीच उडेल, निमपर हिन्दुओंका अधिकार ई० पूर्व दूसरी शताब्दि तक रहा था, इस बातका द्योतक है कि इस ममय बहुत पहले जब वहां पर जैनोंका प्राबल्य था न यह मिलालेख दिखा गया था । श्रतएव भगवान महावीरकी निर्वाण तिथि ईस्वी मनसे हजारों वर्ष पहले नहीं मानी जासक्ती | ऐसी मान्यता शेखचिल्ली की कहानीसे कुछ अधिक महत्व नहीं रखती । वही शेष मनोंकी बात, मो उनपर अलग २ विवेचन करना उचित है । आनकल वीरनिर्वाण तिथिके मम्बंध में निमलिखित मत मिलते हैं:--
(१) शहराज के उत्पन्न होनेसे ४६१ वर्ष पहले वीर भगवानका निर्वाण हुआ ।
।
(२) शक राजा होने से ६०५ वर्ष ५ महीने पहले वीर
(३) स्त्रीससे ७६८ वर्ष पहले वीर निर्माण हुआ ।।