________________
इस लिये ज्ञात हुआ कि ईश्वर कारण वश अर्थात् लाचारी अमर से लाचार है इस वास्ते यद प्रथम ईश्वर में अशक्ति दोष सि-हुआ. __आरियाः-ईश्वर में चोरों को रोकने की शक्ति तो है परन्तु ईश्वर की बेखबरी में चोरी होती है.
- जैनीः-तो फिर ईश्वर सर्वज्ञ न रहा. क्यों कि सर्वज्ञता के विषय में बेख़बरी का . शब्द तो कदापि नहीं घट सकता. जो सर्वज्ञ है वद तो सर्व काल (नूत, जविष्य, वर्तमान) में सर्व पदार्थों को जानता है. इस लिये यह द्वितीय [दूसरा ] अल्पज्ञता रूप दोष सिद्ध हुआ.
आरियाः-ईश्वर ने तो राजा की तरह (न्याय पुस्तक) अर्थात् कानून के पुस्तक वेद बना दिये हैं, और पहरेदार वत् रक्षक साधु वा उपदेशक घोषण अर्थात् ढंमोरा फेर रहे हैं; परन्तु जीव नहीं मानते..