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बहुत प्रकार के फलों के नाम हैं, यथा “ ए. गठिया बढु बीयाए” अर्थात् एक अस्थि (एक हड्डी ) वाले फल, अर्थात् एक गुठली वाले फल, ऐसे ही बहु बीयाये, बहोत बीज वाले फल, जिस में बहुत गुग्ली होवें, वहां
आंवला नी कहाँ है, (२) पुत्र, जीव, बांधव, जीवग, ऐरावन, बिल्ली, बराली, मांसवल्ली, मजार, असव कर्णी, सिंहकर्णी आदिक, और वेदांगी के पुस्तक अनिनव निघण्टु आदिक में बहुत प्रकार के जानवरों के नाम से वनस्पति फल ओषधियों के नाम दर्ज हैं, क्यों कि प्राकृत विद्या अर्धमागधी नापा में है, (१) संस्कृता (२) प्राकृता (३) अपभ्रंशा, (४) पैशाचिका (५) शूरसेनी (६) मागधी, यद उनाषाओं के नाम हैं, सो इस में अनेक देशों की गति नाषा है, और देशीय भाषा कई देखने में भी आती हैं, कि कई फलों के वा शाक आदि के नाम पंखी आदिकों के