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दिगंबर जैन. ११. वादरो हाथीपर बेठेलो जोयो. फल-पंचम काळमां नीचं लोक राज्य करशे. क्षत्रिय
राजा काइ रहेने नहि. ११. समुद्रमर्यादानुं उल्लंघन जोयु. फल-पंचम काळमा राजा लोक अन्यायी अने नीति
भ्रष्ट थइ परवित्तनुं हरण करशे. ..१३. महारथने नाना वाछरडा जोडेला दीठां.
फल-वृद्धावस्थामा दीमा पळाशे अने तरुणपणामां
क्वचित् कोइ दीक्षा लेशे. १४. राजपुत्र उंटपर वेटेल जोयो.
फलाजा लोक धर्म अने दया न करतां हिंसा करशे. रत्नराशीमां माटी मेळवेली जोइ.
फल-राजा लोक निग्रंथ मुनिनो द्रोह करणे. १६. वे काळा हाथी लडता जोया. .. फल-ज्यां जोइए त्यां पर्जन्य (मेघ) पडशे नहि.
आ प्रमाण स्वप्नोंनी फलश्रुति 'जाणी राजा चंद्रगुप्तने अति दु ख थयु अने उदास थवो. भद्रबाहु मुनीए पण हवे वार वर्षको दुष्काळ पडने एवँ जाणी पोताना शिप्यो साथे दक्षिण देशमा विहार करता जवान ठराव्यु. चंद्रगुप्ते राजनी