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सघ तरफथी सव जमण थयु पू गुरुदेवना सवा- धर्मनाथ प्रभुनु एक नूतन जिनालय बाध्यु हतु रना प्रत्रचनथी जनसमूह अटलो प्रभावित थयो तेनु उद्घाटन विधिसहित स्थानिक सघ तथा के वपोरे वीजु प्रवचन राखवु पड्यु आ गाममा यात्रिक सघनी हाजरीमा पूज्यश्रीनी निश्रामा श्री अभिनदन स्वामिनु शिखरबधी जिनमदिर छे थयु दशमो मुक्काम पण त्या थयो ११मो मुक्काम बीजो मुक्काम इस्लामपूरमा करीने चोथो दानोळीमा थयो त्या अमदावाद निवासी शेठश्री मुक्काम पडवलवाडीमा एक प्रगात उपवनमा बकुभाई मणीलाल तरफथी नवकारशी थई आ थयो आ सघमा साताराना स्थानकवासी सप्र- सर्वे मुक्कामोमा देवपूजा, स्नात्र महोत्सव, गुरुदायना श्रेष्ठिवर्य काळीदासभाई, कराडना देवना प्रवचनो, भावना विगेरे कार्यक्रम आनद बोहोरीसमाजना रतनशी भीमजी खोजा आदि अने उल्हासपूर्वक थतो हतो दानोली पछी सघे विविध धर्मोनी व्यक्तीओ सामेल थई हती दर- पोतानो मुक्काम श्री कुमोजगिरि तीर्थनी तळेरोज यात्रिओनी सख्या वधती जती हती आ टीमा कर्यो तेज स्थले आजे एक विशाल सिवाय सघना दर्शन करवा तथा पू गुरुदेवना धर्मशाळा उभी छे प्रवचनो साभळत्रा तुग, डिग्रज, सागली, गोटाखिंडी विगेरे गामोना जैनजनेतर लोको दररोज • श्री कुभोजगिरि तीर्थपरना जगवल्लभ पार्श्वआवता हता आ मुक्काममा सागलीना श्री बल- नाथ प्रासादनी प्रतिष्ठा वि स १९२६ महा वतराव चदाप्पा धावते, गणपत रावजी गोडबोले शुद ७ सोमवारे थई हती सघना आगमन वखते वकील, आणाप्पा गातापा कर्वे विगेरे कार्य आ तीर्थनी आर्थिक स्थिति सारी होती आ कर्ताओ आवी गया पाचमो मुक्काम मिरजवाडी- तीर्थनी व्यवस्था करवानी कामगिरि कोल्हापुरता मा थयो- छठो मुक्काम डिग्रजमा थयो स्थले शेठ हुकमीचदजी डुगाजी राठोड, वाबुभाई परस्थले ग्रामजनोए अत्यत उत्साहथी सघनु स्वागत मार, पुनमचदजी गाधी, पानाचद मोतीचद कर्य
विगेरेए स्वीकार्याने थोडोज समय थयो हतो
सघ आववा पहेला श्रीयुत कडीआ, बापालाल७ ने ८ मो मुकाम सागली शहेरनी एक
भाई विगेरेए कोल्हापुर जई त्याना सघने छऽरी विशाल जग्यामा थयो त्या महावीरनगरनी
पाळता सघनी खवर आपी आर्थिक सकट होवा रचना करवामा आवी त्यानी जनताए आत्मी
छता तीर्थ कमीटीए अनेरा आनदथी आ सधनु यताथी सघनु स्वागत कर्यु आ गहेरमा पूज्यश्री
स्वागत कर्य ना व्याख्यानो वखार भागमा थया सागली जैन श्वे सधे नवकारशीओ करी हती
आ कुभोजगिरि तीर्थमा सघनो त्रण दिवस
सुधी मुक्काम हतो वि स १९९४ महा यद चादीनो रथ, निशान डका, हाथी, नानुभाई
१३ सोमवारे ता २८-२-१९३८ ना दिवसे झवेरी सुरतकरना बेन्डसाथै मघ ठाठमाठथी
गिरिपर समवसरणनी रचना करी वडुथकर जयसिंगपुर गयो
कुटुववती शेठ शीवलालभाई अने तेमना धर्मत्याना रेल्वे स्टेशन नजीक आवेला गाधी पत्नी मगुवेन तेमज श्री मोहनलाल भाईने पू मवाराम देवचदना मळामा मुक्काम कर्यो त्या गुरुदेवे केटलाक नियमो आपी विधिपूर्वक मघ
श्री भोजगिरी शताब्दी महोत्सव
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