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अथ पाटावलींना सवइयाः ३१॥ . श्री महावीरजीके पाट परंपरा जान । सुधर्माजी जंबुस्वामी आदि इम जाणिये ॥ प्रभवाजी संभवस्वामी यसोभद्र संभुत विजे। भद्रबाहु स्थूलभद्र अष्टमा बखाणिये ॥ आर्यगीर बलसिंह सोवनस्वामी वीरस्वाभी। छंडिलाजी जीतधर आर्यसमंद आणिये ॥ नीदलने नागहस्ति रेवंतजी सिहगणी। थंडिलाजी हेमवंत नागजीत मानिये ॥१॥ गोविंदस्वामी भूतदीन छोहगणी दुसगणी। देवढगणीक्षमाश्रमण वीरभद्र गाइये ॥ संकरभद्र यसोभद्र विरसेन विरसंग्रामसेन ।
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