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क्षेत्रामें विदेह क्षेत्र महत्व बतायाहै ॥ मेरुगिर ऊंच माही नंदन वन बनमाही। जंबु वृक्ष लामाहीं प्रीष्ट कहवायाहै ॥ शेन्यामे चक्रवृती दिपतहै पृथ्वीपती । स्थामाहे हरिरथी अरिको नशाया है ।। हीरालाल कहे सील व्रतयों औपमालहे। तीनो लोक माहींसुर नर गुण गायाहै ॥ ३ ॥ सोवन जडित चूडो रूडोहार मोत्यां तणो। नाक नक वेसर लिलाड टीको भारीहै ॥ कडा तोडा लंगर रमजोर घोर बाजरया । विछिया बीटया अंगोठिया दंत चूंपा न्यारी है ।। कांकणने करमदी गेंद बाजुबंद बिंदी। नोगरि फूलरी काजर टिकी सणगारि है ॥