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(१५६) पूछे राजा बात छानी,नहीं कियो रानीपर घोरजी।। चो-सत्यवादी कुँवरको जानी । लियो कुँवर
पणे निजठानी। त्यागतीजातणोफललागो।सत्यराख्याउदयहोवेभागो मिलत-एक दिन बैरीको जीतन काजे राजा।
महाराज कुँवरपर हुकमज करतो जी॥ या ॥३॥ जाय अडियो वैर्यासे जल्दीसे उन्हे हटाया। महाराज कुँवरके शस्त्र लागेजी ॥ करोवायस मांसकोअहार ऐसीकहेराजाकेआगेजी। जब राजा कुँवरसे कहे कँवर नहीं माने। महाराज श्रावक जिनदासको तेडीजी । करो श्रावक बचन प्रमाण राजा हट्टलेनो छेडीजी॥ शेर-मार्गमें देखा सेठने, रुदन करे मिलनारजी। सेठ पूछे क्या कारण है, रुदन करो इसवारजी॥ नृप कुंवर तोजीवे नहीं। जो खासे वायस मांसजी॥