________________
बुधजन विलास
मुनिजनबंद करै थुति हरषत, धनि हम जनमें पद परसाये॥ श्रीजिन० ॥२॥ परमौदारकमैं परमातम, ज्ञानमई हमको दरसाये। ऐसे ही हममें हम जानें, बुधजन गुन मुख जात न गाये ॥ श्रीजिन० ॥३॥
६ राग-ललित एकताली। ___ बधाई राजै हो आज राजै, बाई राजे, नाभिरायके द्वार । इन्द्र सची सुर सब मिलि आये, सजि ल्याये गजराजै ॥बधाई ॥१॥ जन्मसदन” सची ऋषभ ले, सोपिदये सुरराजै गजपै धारि गये सुरगिरिपै, न्होंन करनके काजै बधाई० ॥२॥ आठ सहस सिर कलस जु ढारे, पुनि सिंगार समाजै । ल्याय धरयो मरुदेवी करमैं हरि नाच्यो सुख साजै ॥ बधाई ॥३॥ लच्छन व्यंजन सहित सुभग तन, कंचनदति रवि लाजै । या छबि बुधजनके उर निशि दिन, तीनज्ञानजुत राजै ॥ बधाई. ॥४॥
१०-ललित तितालो। हो जिनवानी जू, तुम मोकौं तारोगी॥