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________________ बारहमासा संग्रह - सीताजी, राजुल,मुनिराज, वनदन्त चक्रवर्ती आदिके बारहमासा सम्मलित हैं । मू -)। श्रावकबनिता रागनी-स्त्रियोंके लिये मंगलीक अवसरोंपर गाने योग्य उत्तमोत्तम धार्मिक राग-रागनी हैं। न्यो०३) सुगंध दशमी कथा-की तीसरी आवृत्रि तैयार है - रविब्रत कथा-की सातवीं आवृत्ति छप गई है -JIL रक्षाबन्धन कथा-सचित्र तैयार है मूल्य ) भक्तामर संकटहरण विनती-भी दूसरी बार छपा दी है मूल्य - भाग्य और उद्योग यह उन आलसी व्यक्तियोके लिये है जो भाग्यके भरोसे बैठे रह कर जीवन बिताना चाहते हैं इसमें उद्योगी की तारीफ की गई है-तीनरङ्गा चित्र कव्हर पर दिया है । मूल्य 110 मात्र । का गदर यह हिन्दी की सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक घटना पर लिखी गई पुस्तक है पृष्ट संख्या ४०० के लगभग होते हुए भी न्यो० ॥ रू पोपोंकी ५ कहानियां वर्तमानमें जो लोक मूढ़ताके कारण धार्मिकता की ओटमें भन्याय अत्याचार किये जाते हैं उनकी इसमें खूब ही मजेदार भाषामें धज्जियां उड़ाई हैं, हँस २ आप लोट पोट हो, जांयगे सचित्र पुस्तकका मूल्य ।।।) माना । भैयाको कहानी 12) मिठाईका दोना =) मधुवन १) प्रेम ॥)
SR No.010454
Book TitlePrachin Jainpad Shatak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvani Pracharak Karyalaya Calcutta
PublisherJinvani Pracharak Karyalaya
Publication Year
Total Pages427
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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