________________
द्वैतापत्तिः। ततश्च सुव्यवस्थितः प्रपञ्चः । तदमी वादिनोऽविद्याविवेकेन सन्मानं प्रत्यक्षात्प्रतीयन्तोऽपि न निKषेधकं तदिति ब्रुवाणाः कथं नोन्मत्ताः । इति सिद्धं प्रत्यक्षवाधितः पक्षः। इति ।।
___ और भी विशेष वक्तव्य यह है कि, यदि वे ' प्रत्यक्ष विधायक ही है ' ऐसा खीकार करें तो जैसे प्रत्यक्षसे विद्याका विधान | N होता है, अर्थात् प्रत्यक्ष विद्याको ग्रहण करता है उसी प्रकार प्रत्यक्ष अविद्याको भी क्यों नही ग्रहण करता है । और जो प्रत्यक्ष |
अविद्याको ग्रहण करेगा तो द्वैत ( दो पने) की आपत्ति होगी अर्थात् विद्या और अविद्यारूप दो पदार्थों के होनेसे उनके अद्वैत- 12
वादका खंडन हो जावेगा और ऐसा होनेसे प्रपच भी सुव्यवस्थित हो जावेगा अर्थात् मिथ्यारूप न रहेगा । इस कारण वे LG वदान्ती अविद्या निषेध पूर्वक सन्मात्रको प्रत्यक्षसे जानते हैं तो भी वह प्रत्यक्ष निषेधक नही है ऐसा कहते हुए उन्मत्त कैसे न A नहीं है। अर्थात् है ही। इस प्रकार उक्त कथनसे यह सिद्ध हुआ कि प्रकृत अनुमानके प्रयोगमें 'प्रपंच मिथ्यारूप है' यह जो
पक्ष है वह प्रत्यक्षसे वाधित है। P अनुमानवाधितश्च । प्रपञ्चो मिथ्या न भवति असद्विलक्षणत्वात् । आत्मवत् । प्रतीयमानत्वं च हेतुब्रह्मात्मना या व्यभिचारी । स हि प्रतीयते न च मिथ्या। अप्रतीयमानत्वे त्वस्य तद्विपयवचसामप्रवृत्तेमूकतव तेपा श्रयसी । साध्यविकलश्च दृष्टान्तः । शुक्तिशकलकलधौतेऽपि प्रपञ्चान्तर्गतत्वेन अनिर्वचनीयतायाः साध्यमानत्वात् ।
और ' प्रपंच मिथ्यारूप है ' यह वेदान्तियोंका पक्ष अनुमान प्रमाणसे भी बाधित है । सो ही प्रत्यनुमानका प्रयोग है कि,-12 धा प्रपच मिथ्या नहीं है क्योकि; असत्से विलक्षण ( भिन्न ) अर्थात् सत् रूप है, आत्माके समान । भावाथे-जैसे आत्मा / - असत्स विलक्षण ह इस कारण मिथ्या नहीं है उसी प्रकार प्रपच भी असत्से विलक्षण है, अतः मिथ्या नहीं है। और अपच ) मिथ्यारूप है प्रतीयमान होनेसे ' यहांपर प्रतीयमानत्व रूप जो हेतु है वह ब्रह्मात्माके साथ व्यभिचारको धारण करता है।
क्योकि ब्रह्मात्मा प्रतीत होता है परंतु मिथ्या नही है। और जो कदाचित् वेदान्ती प्रपंचको अप्रतीयमान कहें तो अप्रतीयमान ( जान में नहीं आते हुए ) प्रपंचके विपयमे वचनोंकी प्रवृत्ति नही हो सकती है । अर्थात् जो पदार्थ जाननेमें आता है; उसीक विपयम कुछ कहा जा सकता है, न कि नही जाने हुए पदार्थके विषयमें । इस कारण प्रपंचके विषयमें उन वेदातियांका