________________
(३) उपोद्घात ।
इस पुस्तकके लिखनेके प्रयासमें मुख्य कारण सेठ वैजनाथ सरावगी (मालिक फर्म सेठ जोखीराम मूंगराज नं० १७३ हैरिसन रोड कलकत्ता) मंत्री प्राचीन श्रावकोडारिणी सभा कलकत्ता हैं। उनकी प्रेरणा हुई कि जो मसाला सर्कारी पुरातत्त्व विभागका यत्र तत्र फैला हुआ है उसको संग्रह करके यदि पुस्तकाकार प्रकाश कर दिया जावे तो जैन इतिहासके संकलनमें बहुत सहायता प्राप्त हो। उनकी इस योग्य सम्मतिके अनुसार बंगाल बिहार उड़ीसाके
और युक्त प्रांतके गजेटियरोंको देखकर इन दोनोंके स्मारक सन् १९२३ में प्रकाशित किये गए । अब यह बम्बई प्रांतका जैन स्मारक नीचे लिखी पुस्तकोंको मुख्यतासे देखकर लिखा गया है। (1) Imperial Gazetteer of Boray Presidency
___Vol. I and II ( 1909 ). (2) Revised list of antiquarian remains in
Bombay Presidency by Cousins ( 1897 )
A, S. of Indi. Vol. XVI. (3) Report of Eluri Brahu and Juin cilvus
in Western India ( 1830 ) by Burgess
A. S. of India Vol. V. (4) Belgaum Gazetteer (1884) Vol. XXI. (5) Dharwar
Vol. XXII. (6) Architecture of Ahmed thad
by Hope Fergusson (1805).