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४०] मुंबईप्रान्तके प्राचीन जैन स्मारक ।
(१२) पालनपुर एजंसी। इसकी चौहद्दी इस तरह है । उत्तरमें उदयपुर, सिरोही, पूर्वमें महीकांठा, दक्षिणमें बड़ौधा राज्य और काठियावाड़, पश्चिममें कच्छकी खाड़ी।
यह अनहिलवाड़ाके राजपूतोंके आधीन सन् ७४६ से १२९८ तक रहा ।
(१) दीसा-बम्बईसे ३०० मील पालनपुर दीसा रेलवेपर, यहां दो जैन मंदिर हैं।
(२) पालनपुरनगर- यहां नगरके बाहर दो भाग हैं एक जैनपुरा दूसरा ताजपुरा बीचमें एक खाई २२ फुट चौड़ी व १२ फुट गहरी है । यह बहुत पुरानी वस्ती है । ८ वीं सदीमें यह वह स्थान है जहां अनहिल वाड़ाके चावड़ वंश स्थापक वनरान (७४६-८०) पाला गया था। १३ वीं शदीके प्रारम्भमें यह चन्द्रावतीके पोनवार घरानेके प्रल्हाद देवकी राज्यधानी थी। इसका नाम था प्रह्लादपाटन, १४ वी शदीमें पालन्सी चौहानोंने ले लिया जिससे इसका वर्तमान नाम है। यहां भी जैन मंदिर है।
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