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________________ : नं० १६का अवशेष। । . वांसवाड़ा राज्यकर्लिजरा १९२ कटरा ... ... ... १८५% तलवाडा ... ... " । मुंगपला ... मुंगरपुर राज्य रोड़ा , सिरोही राज्य पांसवाड़ा अरथूणा ... " (१) पिंडवारा... डुंगरपुर आंत्री ... " (२) झरोली ... सन् १९१६ (३) मुंगथना ... ढुंगरपुर राज्य अपरगांव , (४) कपरदन ... सन् १९१७ (५' पालरी ... ... " वांसवाड़ाराज्य नोगमा १९१७, सिरोही राज्य १९१०-११ १६०, सन् १९१८ . (१) दम्मानी... ... १९० उदयपुर केलवा ... " (२) कालागरा ... . पांसवाड़ा अरथूणा ... १९३ सन १९११-१२ वांसवाड़ा राजनगर ... " दारली सन् १९१६ भरतपुर राज्य ... अजमेर बढाई दिन झोपड़ी ५९४ टटी. ... अलवरराज भनपगढ़ ... " वघेरा राज्य ... अलवर ... ... ... " सिहोर राज्य ... ... १६१ अलपर अजवगढ़ ... (1) गटयाली ... | सन् १९२० (२) नांदिया ... ... सन् १९१२-१३ अलवर राज्यमें ... झालरापाटन शहर ... " (१) नौगमा ... राज्य गंगधार ... ... " (२) सुन्दाना ... • सन् १९१४ (8) खेड़ा', ... भरतपुर क्याना ... " (४) नौगमा ... मेवाड़-अहार ... ... " (५) मौजपुर... सन् १६१५ (६) खेड़ा ... डुंगरपुर राज्य वरोड़ा १९१ (७) नौगमा ... अजमेर पुष्सरसे
SR No.010443
Book TitlePrachin Jain Smarak Madhyaprant Madhya Bharat Rajuputana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1926
Total Pages185
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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