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पल्लीवाल जाति के ऐतिहासक प्रसग
एव श्री सूरि द्वारा प्रतिष्ठित श्री चन्द्रप्रभ धातु बिम्ब एक जिनालय मेविराजमान है।
(जै० प्र० लि० स० भा० 10 ले० 463) (8) बडोदा - वि स 1335 चैत्र कृ० 5 की पल्ली० पद्भल,
पद्मा द्वारा श्रे० सहजमल माता-पिता के श्रेयार्थ कारित एव श्री विजयसेन सूरि के राज्यकाल मे श्री उदयंप्रभसूरि द्वारा प्रतिष्ठित श्री आदिनाथ धातु प्रतिमा दादा श्री पार्श्वनाथ मन्दिर, नरसिंह जी की पोल में विराजमान है। (प्राचीन जैन लेख संग्रह ( जिन० वि०) लेखाक
-57 (गिरनार प्रशास्ति 5)] (9) खम्भात-वि स 1408, बैसाख शु० 5 गुरुवार की पल्ली०
श्रेष्ठि समेत द्वारा पिता स्वेता, माता पाहू के श्रेयार्थ कारित एव श्री चैत्र गच्छीय श्री पद्मदेवसूरि पट्टालकार श्री मानदेव सूरि द्वारा प्रतिष्ठित श्री शान्तिनाथ धातु बिम्ब कुम्भार पाडा के श्री शीतलनाथ जिनालय मे विराजमान है।
(जै० ध० प्र० ले० स० भाग 2 लेखाक-228) (10) खम्भात-वि स 1343 माघ शु० 12 पल्ली० स० हरि
चन्द के पुत्र म तेजपाल द्वारा माता पाल्हणदेवी के श्रेयार्थ कारित एवं प्रतिष्ठित श्री रत्नमय पार्श्वनाथ धातु बिम्ब विराजमान है।
(जै० ध० प्र० ले० स० भाग 2 लेखाक 550) (11) नासिक्यपुर-पल्ली० शाह ईसर के पुत्र माणिक पत्नी
श्री नाऊ के पुत्र शाह कुमारसिह ने श्री चन्द्रप्रभ जिनालय की जीर्णोद्धार करवाया था।
(गै००प्र०ले०स० भा० 2 वैशाक 655) (12) प्रदतीर्थ - वि स 1302 ज्येष्ठ शु १ शुक्रवार की पल्ली.
भा० धरणदेव पत्नी भा० धरणदेवी के पुत्र भा० बागड पत्नी