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और जरा भी कठिनाई नही पाई। कुछ सज्जनो को तो जब यह पता चला कि पल्लीवाल जाति के इतिहास के प्रकाशन के बारे में चन्दा हो रहा है तो वे स्वयम् चल कर हमारे बिना कहे ही चन्दा दे गये। यह स्पष्ट रूप से इस बात का द्योतक है कि समाज इतिहास को कितना महत्व दे रहा है ।
हम इतिहास लेखक डा अनिल कुमार के अत्यधिक आभारी हैं जिन्होने लगातार 10 वर्ष तक इतिहास लेखन में कठोर श्रम करके उमे मूर्त रूप दिया है तथा पल्लीवाल जैन जाति के विकास एव योगदान पर बहुत ही मार्मिक रीति से प्रकाश डाला है । आशा है वे भविष्य में इसी तरह अपने लेखन कार्य में आगे बढते रहेगे । देश एवम् समाज को उनसे बहुत प्राशाएँ है।
हम देश व समाज के जाने माने विद्वान डा० कस्तूर चन्द कासलीवाल के भी बहुत प्राभारी है जिन्होने समस्त इतिहास लेखन मे डा० अनिल कुमार जैन को समय-समय पर अपना मार्ग दर्शन दिया है तथा अपनी महत्वपूर्ण भूमिका लिखकर इतिहास की गरिमा बढाई है।
अन्त मे हम उन सभी महानुभावो के आभारी हैं जिन्होने हमे आर्थिक सहयोग प्रदान किया है। इतिहास प्रकाशन मे जिस किसी बन्धु ने भी प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से जो भी अन्य सहयोग प्रदान किए हैं उनके प्रति भी हम अपना आभार व्यक्त करते है । दि. 31-5-88
भवदीय महाबोर प्रसाद जेन सेवा मुक्त पुलिस उप-निरीक्षक
सयोजक 'श्री पल्लीवाल इतिहास प्रकाशन समिति 332 स्कीम न० 10, अलवर (राजस्थान)