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वढ अवसरहि विरला सुमरहि
(घ)1/1
अव्यय तिह) 7/1 दि (वढ) 8/1 (अवसर) 7/1 (विरल) 1/2 वि (सुमर) व 3/2 सक (देन) 21
=ध्येय
तब -उस -हे मूर्ख =अवसर पर -बहुत थोडे -स्मरण कर पाते हैं -देव को (देव का)
उम्मणि थक्का जासु
मणु
भग्गा महि
(उम्मण) 7/1 (थक्क) भूक 1/1 अनि (ज) 6/1 स (मरण) 1/1 (भग्ग) भूक 1/1 अनि (भूव) 7/1 (चारु) 1/1 दि अव्यय (भाव) व 3/1 अक अव्यय (सचर) विधि 3/1 अक अध्यय अध्यय (मन) 1/1 (समार) 1/1 (सुक्ख+अड) 1/2 'अड' स्वा
-मात्मा में 3ठहरा -जिसका -मन -दूर हुआ -ससार से -अच्छा =जिस प्रकार -अच्छा लगता है -वैसा व्यवहार करे
चार जिम भाव तिम
संचर
दि
भउ ससार
-भी =भय -आसक्ति
S8 सुक्खाडा
=सुख
{ उम्मणि-मन के परे (प्रात्मा में), सं०-डॉ हीरालाल, पाहुडदोहा, दोहा __ स 104 1 2 कभी-कभी पंचमी के स्थान पर सप्तमी का प्रयोग पाया जाता है, (हे. प्रा च्या 3-136)
पाहुडदोहा चयनिका 1
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