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अप्पापरहं
मेलयउ
मण मोडिवि सहस
सो
[(अप्प (स्त्री)→अप्पा) - (पर)-प्रात्मा और पर का 6/2 वि] अव्यय
नहीं (मेलय-अ) 1/1 'अ' स्वा । -मिलाप (मण)2/1
=मन को (मोड+इवि) सक
-मोडकर अव्यय
=शीघ्र अव्यय
-इस प्रकार (त) 1/1 सवि (वढ) 8/1 वि
-हे मूर्ख (जोइ-य) 1/1 'य' स्वार्थिक =योगी (क) 1/1 सवि
-क्या (कर) व 3/1 सक
करता है (करेगा) (ज) 6/1 स
=जिसके अव्यय
= नहीं [एत-एह (स्त्री)--एही] 1/1सवि-यह (मत्ति) 1/1
-शक्ति
वढ
जोइय
करह
जासु
एही
सत्ति
54. अन्तो
गस्थि सुईण कालो थोत्रो
-अन्त
नहीं है -शास्त्रो का -समय -थोडा
पेयं
(अन्त) 1/1 वि अव्यय (सुइ)6/2 (काल)1/1 (थोत्र) 1/1 वि (अम्ह) 1/2 स अव्यय (दुम्मेहा) 1/2 वि (त) 1/1 सवि अव्यय (सिक्ख) विधिकृ 1/1 (ज) 3/1 स
तुम्मेहा
=और =दुर्बुद्धि -वह -केवल =सीखा जाना चाहिए =जिससे
गवर सिक्खियन्वं
जि
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पाहुडदोहा चयनिका ]