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णु
चित्तु
करणह
जि
रहिउ
पयालु
जिम
49
पर
सगहिउ
बहुत्तु
48 पंडियपंडिय
पडिया
कण
छडिवि
तुस
कडिया
प्रत्ये
गथे
तुट्ठों
सि
परमत्यु
ए
जाहि
मूढो
सि
सयलु
वि
कोवि
तडफडड
50 1
अव्यय
(चित्त) 2 / 1
(करण) 3/2
अव्यय
(रह रहित्र) भूकृ 1/1
(पयाल) 1/1
अव्यय
अव्यय
(सगह सहि) भूकृ 1/1 (बहुत) 1/1 वि
[ ( पडिय) - ( पडिय) 8 / 1 वि]
( पडिय) 8 / 1 वि
(करण) 2/1
(छड + इवि) सकृ
(तुस) 1/1
(कडकडिय) भूकृ 1/1
(अत्य) 7/1
(गथ) 7/1
(तु) भूकृ 1 / 1 अनि
क
(अस) व 2 / 1 (परमत्थ) 2/1
श्रव्यय
(जारण) व 2 / 1 सक
( मूढ ) 1/1 वि
(स) व 2 / 1 ग्रक
(सयल) 1 / 1 वि
ग्रव्यय
(क) 1/1 सवि
(तडप्फड) व 3 / 1 ग्रक
यदि
चित्त
= करणो से
= ही
= रहित
= भूसा
= जिस प्रकार
= पूरी तरह से
= इकट्ठा किया गया
= बहुत
= हे विद्वान्, हे बुद्धिमान = हे ज्ञानी
= करणो (करण - समूह) को
= छोड़कर
= भूसा
= कूटा गया
= अर्थ मे
= ग्रन्थ मे
== सन्तुष्ट
==है
= परमार्थ को
नहीं
= जानता है
=
= मूढ
= है
सव
= ही
= कोई
= छटपटाता है (छटपटाते हैं)
[ पाहुडदोहा चयनिका