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तिहुयरिण प्रच्छ मोक्कलउ
(तिहृयण) 7/1 (अच्छ) व 3/1 अक (मोक्कलअ) 1/1 वि (पास) 1/1 अव्यय (लग्ग) व 3/1 अक (त) 6/1 स
-त्रिभुवन मे =होता है -बन्धन-मुक्त =पाप =नहीं =लगता है =उसके
पाउ
लग्गइ
तासु
34 चितइ
जपइ कुरगइ
=विचारता है =कहता है =करता है
जो
मुणि
(चिंत) व 3/1 सक (जप) व 3/1 सक (कुण) व 3/1 सक अव्यय अव्यय (ज) 1/I सवि (मुरिण) 1/1 [(बघण)-(हेअ) 2/1] [[(केवलणाण)-(फुरत) वकृ- (तण) 1/1] वि] (त) 1/1 सवि (परमप्पन) 1/1 (देश) 1/1
=कभी =जो =मुनि =बन्धन के कारण को =केवलज्ञान से जगमगाता हुमा शरीरवाला
बघणहेउ (केवलणाण- (फुरततणु
परमप्पा देउ
=परमात्मा =देव
35 अन्भितरचित्ति (अमितर) वि-(चित्त) 7/1] =भीतरी चित्त वि अव्यय
-पादपूरक मइलियड (मइल - मइलिय) भूक 7/1 -मैला किया हुआ होने पर बाहिरि अव्यय
-बाहर
=क्या तवरण (तव)3/1
=तप से (चित्त) 7/1
=चित्त मे मिरजणु (रिणरजण) 2/1 वि
=निरजन को कोवि (क)2/1 सवि
-किसी
काइ
(काइ)1/1स
चित्ति
पाहुडदोहा चयनिका ]
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