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要
णिग्गुण
गुणसारा
काएरण
जा
विढप्पs
सा
किरिया
कि
ग
कायव्वा
श्रप्पा
ਸਤ
रिगच्च
जइ
ता
पर
किज्जइ
काइ
वढ
तणु
उप्पर
प्रणुराउ
15. जसु
मरिण
गाण
प
विप्फुरs
( गग्गुण) 3 / 1 वि
= गुणरहित
[(गुण) - (सार→मारा) 1 / 1 वि] = गुणो ( की प्राप्ति) के लिए
श्रेष्ठ
शरीर से
- जो
= उदय होती है।
== वह
पाहुडदोहा, चयनिका ]
(काम) 3/1
(जा) 1 / 1 मवि
(विढप्प) व 3 / 1 अक
(ता) 1 / 1 मवि
(faftur) 1/1
अव्यय
अव्यय
( काव्a) विधि 1 / 1 अनि
= यदि
केवलरणारणसहाउ[[(केवलरणारण) - (सहा) 1/1 ] वि] - केवलज्ञान स्वभाववाली
अव्यय
=तो
( पर) 6 / 1 वि
=भिन्न
( किज्जइ) व कर्म 3 / 1 सक अनि को जाती है
॥ श्रव्यय
=क्यो
= हे मूर्ख
(अप्प ) 1/1
(वुज्झ वुज्झि ) भूकृ 1 / 1 ( रिणच्च) 1/1 वि
अव्यय
(वढ) 8/1
(तणु) 6/1
अव्यय
( श्रणुरा ) 1 / 1
= क्रिया
(ज) 6/1 स
( मरण) 7/1
(सारण) 1/1
अव्यय
(विप्फुर) व 3 / 1 अक
== क्यो
= नहीं
= की जानी चाहिए
== श्रात्मा
==समझी गई
= नित्य
शरीर के
==ऊपर
= श्रासक्ति
- जिसके
- हृदय मे
=ज्ञान
= नहीं
= फूटता है
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