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प्रकाशक
गोपाल अम्बादास चया,
मचेंट एन्ड बैंकर, कारंजा (वरार)
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कामु समाहि कर को अंचउँ
छोपु अलोपु भणिवि को बंच। हल सहि कलह केण सम्माणउँ
अहिं जहि जावई तहि अप्पाण || १३९ ॥ देवलि पाहणु तिात्य जलु पुत्थई सम्बई कच्चु । चत्यु जु दीलाइ कुसुमियर इंधणु होलाइ सन्चु ॥ १६१ ॥
टी. एम्. पाटिल, गनेजर, सरस्वती पावर प्रेस,
अमरावती (बरार )