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________________ शब्दकोश इस कोश में ग्रंथ के कुल शब्दों के दोहा नम्बर देने का प्रयत्न किया गया है । जो में बहुत बार आया है उसके दो तीन दोहा लिख दिया गया है । हिन्दी रूप एक तो संस्कृत रूप से ही प्रगट हो जाते हैं, दूसरे अनुवाद में वे आ चुके हैं, इससे यह अलग नही दिये गये। हां, विशेष शब्दों के साम्हने * चिह्न लगा दिया गया है। निम्न संकेताक्षरों का प्रयोग किया गया है:गु. गुजराती ; दे. देशीनाममाला हेमचन्द्र कृत; म मराठी; हि. हिन्दी; हेम. हेमचन्द्रकृत प्राकृत व्याकरण. अ अकत्थ - अकृतार्थ ११५. अकुणंत - अकुर्वत् १४२. अकुलीण - 'न ९९. अक्खर - अक्षर ९७, १२४, १४४, १७३. अक्खरड - अक्षर+ड ( अल्पार्थ ) ८६. अक्खिथ - आख्यात २०८. अखथ - अक्षय १६९-१७१, अखाणि - अक्षयिनी ४२. संस्कृत रूप तथा शब्द एक ही अर्थ नम्बर देकर आदि - अग्ग अम ४७, १७५. अग्ध - अर्घ्य १५१. अचित्त - अचित् ४९. अचिंत - ( तत्सम ) ४६. *अच्छ - आ+क्षि ( निवासगयोः ) इ= वसति ५८, १२१,१३६१ "च्छेसि - वससि ९१; "च्छेसइ = वसिष्यसि १८२; "च्छउ=आस्ताम् २१५; अच्छंत - वसत् १२२. अछेभ - आछेच ९०.
SR No.010430
Book TitlePahuda Doha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherBalatkaragana Jain Publication Society
Publication Year1934
Total Pages189
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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