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पूज्य श्री देवचन्द्र-रचित अध्यात्म प्रबोध, देशनामार एव द्रव्य प्रकाश मुद्रणाधीन हैं । श्रीजिनप्रमसूरिचरित्र तो शीघ ही प्रकागित हो चुका है। योगिराज श्री चिदानन्दजी के पदो का हिन्दी विवेचन एव बाल ग्रन्यावली (जैन कथा संग्रह ) मुद्रणार्थ भेजी जा चुकी है । कतिपय अन्य ग्रन्य भी तैयार हैं जो सुविधानुमार प्रकाशित होंगे।
अभय जैन ग्रन्यालय की तरह अग्रज अभयराज जी की स्मृति मे अभय जैन अन्यालय भी बीकानेर में स्थापित किया गया था जो आदिनाथ जैन मन्दिर बीकानेर के सम्मुख स्वतन्त्र भवन में स्थित है ? इसमे हस्तलिखित एव मुद्रित प्रत्यों का अद्वितीय महा संग्रह है। इसी प्रकार पूज्य पिताजी की पवित्र स्मृति मे 'गंकन्दान नाहटा कला भवन' अभय जैन ग्रन्यालय के ऊपरी भाग में म्यापित किया गया है, जिसमे प्राचीन कलात्मक विशिष्ट सामग्री प्रयत्न पूर्वक मगृहीत की गयी है । ये दोनो सस्थायें कला, पुरातत्त्व, इतिहास एव साहित्य के गोवापियो तया प्रेमियो के लिए वरदान स्वरूप है।
-अगरचन्द नाहटा