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हैं। उनके निरन्तर निर्वाहके लिये आपने इस वर्षके जून मास १९५४ में एक लाख रुपये बॅकमें जमा करवा दिये है। जिनकी व्याजकी आमदनीसे उपरोक्त संस्थाओं का निर्वाह होता रहेगा। इन संस्थाओं के संचालनका सारा कार्यमार "कलकत्ता तुलापट्टी जैन श्वेताम्बर बड़े मन्दिर के संचालकोंके जिम्मे रखा गया है। इसके अतिरिक्त पावापुरीके जल-मंदिर में मारवल पत्थर लगवाने के लिये ता १५-७-५४ को २५००) ढाई हजार रुपये दिये हैं। एवं ३५००) रुपये स्वामी वात्सल्यादि कार्योंमें भी व्यय किये हैं।
संवत् २००७ में आप की धर्मपत्नीने अोली की तपस्या की थी। उसके उपलक्ष्यमें बीस स्थानककी पूजा एवं नव पद महाराजके मण्डलकी पूजन करवाई। इसके सिवा आत्मीय खजन बन्धुओंको वेष-पोषाक आदि प्रदान किये। धर्मोपकरण, चन्द्रवाँ पुठिया, साधु साधियोंके पात्र आदि उपकरणमें लगभग १२,०००) बारह . हजार रुपये व्यय किये।
आज तक आपने धार्मिक कार्योंमें बड़े उत्साहसे दान दिया है। और देते रहते हैं। आप बड़े ही नम्र और मिलनसार प्रकृतिके हैं। इस समय आपको उम्र '६ वर्ष की है। अस्तु ! शासनदेव आपको दीर्घजीवी करें। आपके चित्तमें सदैव धर्मको सद्भावना उत्तरोत्तर बढ़ती रहे, यही हमारी आन्तरिक अभिलाषा है। कलकत्ता
निवेदक:७, खेलात घोष लेन काशीनाथ जैन। १५-७-१९५६