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नेमिनाथ चरित्र जो चारणमुनिओंका आश्रम रूप है, वह अपनी विद्याओं को फिरसे सिद्ध कर रहा है। उसे अभी इस कार्यों बहुत समय लगेगा, किन्तु यदि आप उसे दर्शन दे दें, तो उसका यह कार्य शीघ्र सिद्ध हो जानेकी सम्भावना है। क्या आप उस पर इतना उपकार न करेंगे ?" __वसुदेवने कहा :--"नहीं, उसके पास जानेकी मेरी इच्छा नहीं है।" ___ इसके बाद वह बुढ़िया उन्हें वैताढ्य पर्वत पर शिवमन्दिर नामक नगरमें ले गयी। वहॉपर सिंहदंष्ट्र राजाने सन्मानपूर्वक उन्हें अपने महलमें ले जाकर उनके साथ अपनी कन्या नीलयशाका विवाह कर दिया। ___इसी समय नगरमें घोर कोलाहल मचा। यह देख वसुदेवने दरवानसे पूछा, क्या मामला है ? द्वारपालने कहा :--"महाराज ! शकटमुख नामक एक नगर है, वहाँके राजाका नाम नीलवान और रानीका नाम नील वती था। उनके नीलाञ्जना नामक एक कन्या और नील नामक एक पुत्र था। उन दोनोंने बाल्यावस्थाम स्थिर किया था, कि यदि हममें से किसी एकके पुत्री और