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चला रही है । आपकी स्मृति में आपकी पुत्री श्रीमती विमला देवी धर्मपत्नी श्री महेन्द्र कुमार जी ने मन्दिर के आगे के गण का फर्ग वनवाया । हृदय गति रुक जाने के कारण आपका निधन हो गया। फोन नम्बर 72943 हे ।
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श्री विनोकचन्द जी सिगवी व० श्री बिलोकनन्द जी का जन्म श्री सेवाराम जी सिंगवी के घर गलनान में हुआ था। आप सरल स्वभावी और जिनेन्द्र भक्त थे । आप सेवाराम त्रिलोकचन्द जैन जनरल मर्चेन्ट, चूटी सराय मुलतान मे व्यवसाय करते थे। आपके श्री दुनीचन्द, श्री गिरधारी लाल व श्री प्रेमचन्द तीन पुत्र थे जो उपरोक्त फर्म मे व्यवसाय करते हैं।
श्री दुनीचन्द जी श्री दुनीचन्द जी आपके प्रथम पुत्र थे जो मुलतान मे सेवाराम त्रिलोकचन्द के नाम सयुक्त परिवार के साथ व्यवसाय करते थे, उसके बाद जयपुर मे त्रिलोकचन्द गिरधारी लाल के नाम से कटला पुरोहित जी मे अपने भाइयो के साथ व्यवसाय करते रहे, कुछ वर्ष पूर्व आपकी जयपुर मे बीमारी से मृत्यु हो गई ।
श्री गिरधारीलाल जी श्री गिरधारीलाल जी भी मुलतान से आने के पश्चात् जयपुर मे रहने लगे और कटला पुरोहित जी मे त्रिलोकचन्द गिरधारी लाल के नाम से जनरल मर्चेन्ट्स का व्यवसाय कर रहे हैं। आपके कोई पुत्र नही है, मात्र तीन लड़किया हैं ।
श्री प्रेमचन्द जी श्री प्रेमचन्द जी सिंगवी का श्री त्रिलोकचन्दजी के घर मुलतान मे जन्म हुआ था। 'स्कूली शिक्षा के बाद आप व्यवसाय करने लगे, पाकिस्तान बनने के वाद आप
जयपुर मे आकर अपने भाइयो के साथ व्यवसाय मे ', सलग्न हए। आपकी धर्म मे अच्छी रुचि थी, तत्व को
समझने के लिए आप स्वाध्याय मे अधिक समय देते थे तथा परस्पर तत्व चर्चा मे आपको बहुत आनन्द आता था। हृदयगति रुक जाने से भाद्रपद 1980 मे 65 वर्ष की आयु मे आपका असामयिक निधन हो गया। आपकी धर्मपत्नी का नाम विद्यावती है।
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. मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के आलोक में