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श्री गोगनदास श्री गोगनदास जी श्री जस्सूराम जी के सुपुत्र है । उनके दो पुत्र थे खुशीराम एवं प्रेमचन्द है ।
श्री खुशीराम श्री खगोराम एक कलाकार व्यक्ति है। आपको चित्रकला एव सगीत विद्या का अच्छा अभ्यास है । आप हारमोनियम के बहत अच्छे मास्टरा है और धार्मिक गीत बनाने मे भी निपुण है । आपका जन्म मुलतान मे हुआ था। मुलतान मे ही आप रेल्वे विभाग मे कार्यरत हो गये । पाकिस्तान बनने के बाद आप भारत की पश्चिम रेल्वे मे कार्य करने लगे। अव आप सेवा निवृत्त हो गये है। स्वाध्याय में आपकी अच्छी रुचि है, जिससे गोमटसार गास्त्र का आपको अच्छा अभ्यास है । आपने विवाह नहीं किया, इस समय आपकी अनुमानत 80 वर्ष की आयु है ।
श्री प्रेमचन्द जी आप गोगनदास जी के द्वितीय पुत्र थे । विवाह के 6 माह के पश्चात् अल्पावस्था मे प्लग (महामारी) मे आपकी मत्य हो गई थी। आप की धर्मपत्नी का नाम सीतादेवी (सुपुत्री श्री चौथूराम जी) जैन है । वे ज्ञानाभ्यास के लिए गुहाना चली गई । अच्छा शानाजन कर अब देहली रहती है । कोई सतान न होने के कारण आपने श्रीपाल को गोद लेकर अपना पुत्र वना लिया है जो अच्छे व्यवसायी एव योग्य सम्पन्न होते हुए भी आपकी सेवा मे हर समय तत्पर रहते है ।
श्रीमान् देवीदास जी सिंगवी का परिवार श्रीमान देवीदास जी का जन्म श्रीमान सेवाराम जी के घर मूलतान मे हुआ ना। आपके श्रीमान तोलाराम, श्री मुलतानीचन्द जी, श्रीमान् रोशनलाल, श्रीमान जयकुमार एव श्रीमान आदीश्वर लाल पाँच पुत्र थे । धर्मपत्नी का नाम श्रीमती फूलोदेवी है । श्री सालाराम जी की यवावस्था मे जयपुर मे मृत्यु हो गई थी ।उनके श्री चन्द्रकुमार व श्री निर्मल उमार दो पुत्र है । जिनका विवरण नीचे दिया जा रहा है । श्री रोशनलाल की भी युवावस्था मे ही जयपुर मे मत्य हो गई। उनके कोई सन्तान नही थी । जय कुमार एक आदीश्वर लाल के परिवार का विवरण आगे दिया जा रहा है ।
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• मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के आलोक मे