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सिंगवी परिवार जयपुर एवं दिल्ली मे जितने भी वर्तमान सिंगवी परिवार है वह प्राय लुणिदामल के ही वगज है । उनका परिचय, वशावली पृष्ठ 33 से 35 पर दी गई है।
__ जेठानन्द लीलाराम के पत्र एव लणिदामल के पौत्र थे। जेठानन्द के मोतीराम हीरानन्द दो पन थे । मोतीराम के करमचन्द, रामचन्द, कवरभान तीन पुत्र हुए । करमचन्द एव रामचन्द्र के परिवारो का विवरण जयपुर एव दिल्ली परिशिप्ट मे आगे देंगे। श्री कवरभान जी के परिवार का परिचय निम्न प्रकार है -
श्री कंवरभान जी सिंगवी के परिवार का परिचय श्रीमान कवरभान जी का परिचय पूर्व पृष्ठो मे दिया जा चुका है अब उनके परिवार का परिचय दिया जा रहा है। आपके श्री आसानन्द जी, श्री खुशीराम जी, श्री अर्जुनलाल जी, श्री शम्भ कुमार जी चार पुत्र है । उनका एवं उनके परिवार का परिचय निम्न प्रकार है -
श्री आसानन्द जी
श्रीमान कवरभान जी सिंगवी के घर डेरागाजीखान मे सन् 1904 को आपका जन्म हुआ। आप प्रारम्भ से ही अपने पूर्वजों की तरह धर्मात्मा एव निष्ठावान व्यक्ति थे । युवावस्था से ही समाज की सभी गतिविधियो मे उत्साह पूर्वक भाग लेते थे।
शास्त्राभ्यास मे आपको विशेष रुचि थी। फलस्वरूप अल्पवय मे ही आपने आध्यात्मिक शास्त्रो का अण्छा अभ्यास कर लिया था। बद्धिजीवी होने के नाते आपने अपने व्यवसाय मे विशेष प्रगति की । पेट्रोल, मिट्टी का तेल तथा जनरल मर्चेन्ट्स आदि की कई प्रमुख एजेन्सियाँ लेकर आपने अपने व्यवसाय को डेरागाजीखान मे बडे पैमाने पर वढाया जिससे आपके सस्थान मोतीराम कवरभान जैन की गणना शहर के प्रमुख व्यवसाथियो मे होने लगी।
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• मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के आलोक मे