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करनेवालीं थीं । जो महारानी अपनी कांतिसे चन्द्रमाकी कलाके समान जगतको आनंद | देनेवाली कलाविज्ञान चतुराईसे सरस्वती के समान जनोंको प्यारों, अपने चरणोंसे कमलोको जीतनेवाली, नखरूपी चंद्रकिरणोंसे शोभायमान मणिमयी पैर के आभूषणोंके शब्द से सब दिशाओंको शब्दायमान करनेवालीं केलेके समान कोमलजांघवालीं, सुंदर दोनों जानुओंसे रमणीक, कामदेव के रहनेका स्थान ऐसे स्त्रीचिन्हसे शोभायमान, करधनीकर शोभित कमरवाली, मध्यभागमें कुश ( पतलीं ) और सब शरीर में पुष्ट, गहरी नाभिवालीं, मणिके हार से शोभायमान ऊंचे सुन्दर स्तनोंवालीं, जिन्होंने अशोक के पत्तोंको जीतलिया है ऐसे कोमल हाथोंवाली, कंठके आभूषणोंसे शोभित, सुंदर कंठवाली, अतिकोमल शरीरवालीं, महान् कांति कला वचनालाप दीप्तिकर मुखको शोभित करनेवालीं, कानों के कुंडलोंसे शोभायमान, अष्टमीके चंद्रमाके समान मस्तकवालीं, सुंदर नासिका वाली, मनोज्ञ व भौहें नीलकेश (वाल ) सहित, मालाको धारण करनेवाली, अत्यंत रूप सुंदरता लावण्य सहित, और तीन लोकके उत्तम परमाणुओंसे ही मानों बनाई गई हैं। ऐसी थीं।
इत्यादि अन्य भी सब शुभ स्त्रीचिन्हों से और गुणों से वे इंद्राणी के समान शोभायमान होतीं थीं । वे महादेवीं गुणरत्नों की खानिके समान, सत्रसंपदाओंकी खानि अनेक शास्त्र
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