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प्रयाग
२७ जन महिला श्राद" २६. कृमि क्षत्रिय हित ३१. शान्दि ३३. प्रताप
नूरन ८ माची सस्व पन्नागर ३० स्वास्थ्य महारनपुर ३२. शिक्षा प्रभाकर कानपुर ३४. शिक्षामेवर
कानपुर अलीगढ़
पटना
काशीनागरी प्रचारिणी सभा के प्रार्यभाषा-पुस्तकालय म द्विवेदी-युग के अधिकाश पत्री की प्रनिया रक्षित है।'
६०४ ई० मे बी. मदनजीत के प्रयत्न ने इग्बन नगर में इडियन नापिनियन' नामक माप्ताहिक पत्र निकला | कुछ माल बाद आर्थिक संकट के कारण यह मोहनदास कर्मचन्द्र गाधी को माप दिया गया और उन्होंने फीनिक्म नगर में उसका प्रकाशन क्रिया : अमामा में ही म्वामाभवानीदयाल मन्यामी के उद्योग ने १६१२ ई. में 'धर्मवीर' नामक माताहिक पत्र निकता ! १९२२ ई. में साप्ताहिक 'हिन्दी' का प्रकाशन प्रारम्भ किया जा तीन वर्ष बाद बन्द हो गई। १९१२ ई० में ही माग्मिम इडियन टाइरस' प्रकाशित हुअा । २ विदेशों में और भी अनेक पत्र प्रकाशित हए जिनका विवरण मम्प्रति अनन्य है।
द्विवेदी-युग के अधिकाश लग्वक सम्पादक थ! काशी नागरी प्रचार गिणी ममा म रक्षित पत्रिकाया की फाइलों में मिट्ट है कि श्यामसुन्दर दाम (नागरीप्रचारिणी पात्रे का'
और 'सरस्वती) राधाकृष्णदाम ('नागरी प्रचारिणी पत्रिका' और 'नरन्बनी) भीमन शर्मा ( ब्राह्मणमर्वस्व ) कृष्णाकान्त मानवीय ( मर्यादा ) गमचन्द्र शक्त ( नागरी प्रचारिणी
१ अवता हितकारक, अान्मविद्या, अादर्श, अार्य, आर्यमहिला, इन्दु, उपन्याममागर, उपा, कथामुम्बी, कन्यामनार जन, कन्यासर्वस्व, कलाकुशल, कबोन्द्रबाटिका, कालिन्दी, किमानोपकारक, कृतिमुधार, गृहलक्ष्मी, गृहस्थ, चन्द्रप्रभा, चाद, चित्रमय जगन्, जामूम ज्योति, ज्ञानशक्ति, देहाती, नवजोवन, नवनीत, नागरीप्रचारित्रिका, नागरीहित पिणी पात्रका निगमागमचन्द्रिका, परोपकारी, पाचाल पंडिता पीयूपप्रवाह, प्रतिमा. प्रमा, प्रभात, प्रेमबिलाम, प्रियंवदा, बालक, वालप्रमाकर, बान्नहितपी, बिजली ब्रह्मचारी, भारतमित्र, भाग्नी, भारतेन्दु, भारतोदय, भास्कर भ्रमर, मनोरजन, मनोरमा, माढा, महिलादपंगा, माधुरी. रसिकरहस्य, रमिकवाटिका, लक्ष्मी विकाम विज्ञान विद्याधी, विद्यायिनोद, विश्वविद्याप्रचारक, श्री कमला, श्रीशारदा, मंगीतामृतप्रवाह, मंसार, नमन्वय, मम्मेलन पत्रिका, माहित्य, माहिल्यपत्रिका, सुधानिधि, स्त्रीदर्पण, स्त्रीधर्मशिक्षा. स्वदेशबान्धव, स्थार्थ, हिन्दीगल्पमाता, हिन्दी प्रचारक, हिन्दी प्रदीप, हितकारिणी
आदि पत्रिक एँ विशेष लेखनीय है • आज क
भ प्राधर पर