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महागाई
नहीं हुई
मधुमगल मिश्र
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मिश्र बन्धु .
एक ही शरीर में अनेक प्रात्माएं गजपूतनी न्याय और दया
अमेरिका की स्त्रिया | कृषि सुधार
आश्चर्यजनक घटी
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पदासी चलने लगी | बढ़ाती हुई चलने लगा प्रमथनाथ भट्टाचार्य बदला लेवे
बदला ल खड़ा हाकर खड़े होकर
सत्यदेव भज दिई चारे भेज दी जाय
गोबिन्द बल्लभ पंत गथ पकड़ हाय पकड़ कर
सत्यदेव माथ ले
माथ लेकर ममझी जानी लगी है समझी जाने लगी है गमचन्द्र शुक्ष ताप्राता है
होता श्राया है विवाह'...."टेदारी होगई | विवाह" ठेकेदारी होगया , प्रणमिद्ध ग्न हीं गा रही है बड़ी गारही है मम्बधी श्रीर मनियां हो सम्बन्धी और सम्बियां' 'हो |
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कविता क्या है
sma
मर
कन्यादान
जायगे
अमेरिका भ्रमगा (५)
नावेग अगरेजी बोलनी नहीं आती | अगरेजी बोलना नही श्राता
सत्यदेव
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था