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१७ उग्रता क्रोध ४४ १८ क्षमा दय ४५, १६ कर यपरायणता न्यायमिष्ठा और म यालन ४६, २०. व्यवस्था, नियमितता और कालपालन--४७, २१. हड़ता, अध्यवसाय और महिष्णुता--४६, २२. महत्वाकाक्षा और सम्मान की अनिच्छा--५०, २३. शिष्टाचार, व्यवहारकुशलता और सम्भाषणकला--५१, २४: नेम, कात्सल्य, सहृदयता, सहानुभूति और गुणग्राहकता--५२, २५, निष्पक्षता और पक्षपात---१३, २६. बदान्यता और मग्रहभावना---५४, २७. मितव्ययिता और सादगी-५५, ५.२८. देशप्रेम--५६, २६. मातृभाषाप्रेम--५७, ३०. सुधारक प्रवृत्ति----५६, ३१. श्राक्षेप और अपवाद-६० .
तीसरा अध्याय
साहित्यक संस्मरण और रचनाएं ( ६२-६०) ... १ द्विवेदी जी का साहित्यिक अध्ययन--६२, २. भारतीभक्त पर कमला का कोप-- ३, ३. 'शिक्षा' नामक पुस्तक के समर्पण की कथा-६३, ४ 'सरस्वती' के श्राश्रम में--६४ ५ अयोध्याप्रसाद खत्री का महत्वहीन बवंडर---६६, ६. 'अनस्थिरता' का विनंडावाद-६६ ७ विभक्तिविचारविवाद ६७, ८. बी० एन० शर्मा पर मानहानि का दावा ६८, ६. द्विवेदी जी और काशी-नागरी-प्रचारिणी सभा ६६, १०, नागरी-प्रचारिणी सभा को द्विवेदी जी का दान-७३, ११. द्विवेदी जी की रसीली पुस्तके' और कृष्णकान्त मालवीय७३, १२. द्विवेदी जी और हिन्दी-साहित्य- सम्मेलन ७५, १३. द्विवेदी-मेला-७६, १४. द्विवेदी जी की रचनानी का संक्षिप्त विवरण (तीन अप्रकाशित रचनाएं ) ७८
चौथा अध्याय
कविता' ११२६) १. कवि द्विवेदी की आत्मसमीक्षा, . ६१, २. .उनका.. अनभिमाननीय कवित्व ६२, ३. उनकी काव्यरचना का उद्देश ६२, ४. द्विवेदी जी की काव्यपरिभाषा ६३, ५. असे की दृष्टि मे द्विवेदी जी की कविता की समीक्षा---
भाव
ग्राम्य-तोष