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________________ महावीर : मेरी दृष्टि में - महावीर के सम्बन्ध में भी बातें कहीं जाती है। अब जैसे एक वर्ग मानता है कि वह वस्त्र पहने हुए थे, चाहे वह देवताओं का दिया हुआ वस्त्र हो, चाहे वह आँखों से न दिखाई पड़ने वाला वस्त्र हो । लेकिन वह वस्त्र पहने हुए हैं, नग्न नहीं हैं। और एक वर्ग मानता है कि वह बिल्कुल नग्न हैं, वस्त्र उन्होंने छोड़ दिए हैं। किसी प्रकार का वस्त्र उनके शरीर पर नहीं है। और ये दोनों बातें एक साथ सच है । वह बिल्कुल सच है कि महावीर ने वस्त्र छोड़ दिये थे। वह बिल्कुल नग्न हो गए लेकिन उनकी नग्नता भी ऐसी थी कि उसे ढांकने के लिए बस्त्रों की जरूरत नहीं थी। अब हमें थोड़ा समझना जरूरी होगा। एक आदमी इस भांति वस्त्र पहन सकता है कि वह नंगा हो। एक आदमी इस भाँति वस्त्र पहन सकता है कि वह नग्नता को प्रकट करे। सच तो यह कि नंगा नहीं होता जितना वस्त्र उसे नंगा कर सकते हैं । जानवरों को देखकर हमें शायद ही ख्याल माता हो कि वे नंगे हैं। लेकिन आदमी और स्त्रियां इस तरह के वस्त्र पहन सकते हैं कि उनके वस्त्र पहनने से तत्काल ख्याल आए उनके नंगेपन का। और बादमी ने ऐसे वस्त्र विकसित कर लिए हैं कि वह उसके शरीर को उघाड़ते हैं, टोकते नहीं। जो वस्त्र ढांकता है उसे कौन पसन्द करता है ? जो व्यक्ति वस्त्र उघाड़ता है, इतना उवाड़ता है कि और उघाड़ने की इच्छा जगे, इतना नहीं उघाड़ता कि उघाड़ने की इच्छा मिट जाए, उघाड़ता है और उघाड़ने की इच्छा जायती है ऐसा व्यक्ति वस्त्र पहने हुए भी नंगा है। ठीक इससे उल्टा भी हो सकता है कि व्यक्ति नंगा खड़ा हो गया है और इतना उघाड़ा हुआ है कि उघाड़ने को कुछ नहीं बचा है; उघाड़ने की कोई इच्छा भी नहीं है उसको, उघाड़ने की कोई कामना भी नहीं है, कोई उघाड़ कर देखे यह आमन्त्रण भी नहीं है तो उसकी नग्नता भी वस्त्र बन जाती है। जब कोई वस्त्रों में नंना हो सकता है तो कोई नग्नता में वस्त्रों में क्यों नहीं हो सकता ? महावीर बिल्कुल नग्न थे लेकिन उनकी नग्नता किसी को भी नग्नता जैसी नहीं लगी। इसलिए यह स्वाभाविक था कहानी का बन जाना कि जकर वे कोई ऐसे वस्त्र भी पहने हुए हैं जो दिखाई नहीं पड़ते, जो देवताओं के दिए हैं, देवदूत के दिए हैं । देवताबों ने ऐसे वस्त्र दे दिए हैं उनको जो दिखाई भी नहीं पड़ते और फिर भी उनको नग्नता दिखाई नहीं पड़ती। तो कहीं कोई अदृश्य वस्त्र उनको छिपाए हुए है। यह धारपा पैदा हो जाना बिल्कुल स्वाभाविक है। पर महावीर निपट नग्न हैं। असल में निपट नग्न आदमी ही नग्नता से मुक्त हो सकता है । वस्त्रों में ढके हुए आदमो की नग्नता से मुक्त होना बड़ा मुश्किल है क्योंकि वस्त्रों में जिसे वह
SR No.010413
Book TitleMahavira Meri Drushti me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherJivan Jagruti Andolan Prakashan Mumbai
Publication Year1917
Total Pages671
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size40 MB
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