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प्रवचन- ३
और विपक्ष में नहीं पड़ते। किसी वाद-विवाद में रस नहीं लेते। हो रहा है, नहीं हो रहा है, उन्हें कुछ प्रयोजन नहीं। अतिथि हो घर के लोगों को लगने लगा कि वह तो गए हो । सिर्फ शरीर रह गया है। तब घर के लोगों ने कहा कि शरीर को रोकना उचित नहीं । जो जा ही चुका हैहम इसे भी रोकने के भागीदार क्यों बनें ? तब घर के लोगों ने प्रार्थना की कि अब आपकी मर्जी हो तो आप संन्यास ले लें क्योंकि हमारी तरफ से तो लगता है संन्यास पूरा हो ही गया। आप घर में है या नहीं, बराबर हो गया । हम क्यों इस पाप के भागीदार हों कि आपको रोक लें ? और महावीर चल पड़े । ऐसा जो व्यक्ति है उसने शादी के वक्त यह भी नहीं कहा होगा कि नहीं करनी है । क्योंकि नहीं करने में भी तो स्त्री को हम मूल्य देते हैं, दूसरे को मूल्य देते हैं, डरते हैं कि नहीं करनी है। शादी के बाद भी ऐसे रहा होगा जैसे कि शादी के पहले रहता था । कुछ फर्क ही न पड़ा होगा । इसलिए जिन्होंने गहरे देखा उन्होंने माना कि वह अविवाहित हैं । जैसा कि मैंने कहा कि जीसस की माँ कुंवारी है और बेटे को जन्म दिया क्योंकि उसके कुँवारेपन में ही पैदा हो सकता है जीसस जैसा बेटा । गहावीर जैसा व्यक्ति पति हो, कैसे हो सकता है ? यानी पति होने की जो धारणा है, उसे हम थोड़ा सोचें और समझें कि महावीर जैसा व्यक्ति पति कैसे हो सकता है ?
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घर में क्या गए हैं। तो
पति में पहले तो स्वामित्व है और जो व्यक्ति जड़ वस्तु पर भी स्वामित्व नहीं रखना चाहता वह किसी जीवित व्यक्ति पर स्वामित्व रखेगा, यह असम्भव है । यह कल्पना ही असम्भव है । यानी जो धन को भी नहीं कह सकता कि मैं इसका मालिक हूँ, वस्तु के साथ भी ऐसा दुर्व्यवहार नहीं कर सकता मालिक होने का, वह किसी जीवित स्त्री के साथ मालिक होने का दुर्व्यवहार कैसे करेगा ? पति होना एक तरह का दुर्व्यवहार है, एक प्रभुत्व है, एक स्वामित्व है । महावीर पति नहीं हो सकते और महावीर पिता भी कैसे हो सकते हैं ? हां, लड़की जन्मी हो, यह हो सकता है । पिता की कामना क्या है, यह भी हम ठीक से समझ लें 1
पिता की कामना है, स्वयं को, स्वयं की देह को, स्वयं के अस्तित्व को दूसरे पिता की कामना का अर्थ क्या है ? आखिर कामना यह है कि मैं तो नहीं रहूँगा, कोई
के माध्यम से आगे जारी रखना। कोई पिता होना क्यों चाहता है ? फिक्र नहीं । लेकिन मेरा अंश रहेगा, रहेगा और रहेगा । इसलिए बाँझ पिता दुखी है, बाँझ म दुखी है। दुख क्या है ? दुख है खत्म हो गई एक रेखा - जहाँ कुछ भी नहीं बचेगा जीवित । जैसे एक
हम समाप्त हो रहे हैं, जहाँ से हम में से