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प्रश्नोत्तर-प्रवचन
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वाला ठीक नहीं कर पा रहा है । मैं चाहता हूँ कि इधर कुछ लोग उत्सुक हों तो बराबर इस विधि पर काम करवाया जाए । इसमें कोई कठिनाई नहीं है।
प्रश्न : महावीर के सम्बन्ध में आप जो कुछ कह रहे हैं वह बहुत मुश्किल और रहस्यवादी बनता चला जा रहा है। ऐसा जो सामान्य व्यक्तिको समझ में आ जाए और करने लायक भी हो महावीर का वह सन्देश कहें। क्योंकि यह जो माप कह रहे हैं बहुत ही थोरे लोगों के पल्ले पड़ने वाली बात है।
उत्तर : बात हो ऐसी है। असल में जिन्हें भी करना है, उन्हें असाधारण होने की तैयारी दिलानी पड़ती है। कोई सत्य साधारण होने को कमो तैयार नहीं है । व्यक्तियों को ही असाधारण होकर उसे झेलना पड़ता है और सत्य को साधारण किया तो असत्य से भी बदतर हो जाता है। यानी सत्य उतर कर तुम्हारे मकान के पास नहीं आएगा। तुम्हें ही जाकर सत्य की चोटी तक पहुंचना होगा और सत्य अगर आ गया तुम्हारे मकान तक तो बाजार में बिकने वाला हो जाएगा । उसका कोई मूल्य नहीं रहेगा ।