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उनका सिंह से तादात्म्य हुआ तो उन्होंने पूरी तरह जाना होगा कि 'मैं सिंह हूँ'
और यह उनका प्रतीक बन गया, चिह्न बन गया । और उनके व्यक्तित्व में यह बातें भी हैं जो सिंह में हों। जैसे 'सिंह' झुण्ड में नहीं चलेगा, भीड़ में नहीं चलेगा । एकदम अकेला खड़ा रहेगा महावीर में वैसा गुण है। सिंह में जो आक्रमण है, जीत को विजय का जो अदम्य भाव है, वह महावीर में है; सिंह में जैसा समय है वह महावीर की साधना का प्रथम सूत्र है । यह चिह्न आकस्मिक नहीं है । कोई चिह्न कभी आकस्मिक नहीं होता, उस चिह्न के पीछे - बहुत वैज्ञानिक मामला है ।
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जुंग ने बहुत काम किया है। इस सम्बन्ध में कई परीक्षण किए उसने । और इस बात की खोज की कि प्रत्येक व्यक्ति के मानस में कुछ चिह्न हैं जो उसके व्यक्तित्व के चिन्ह हैं। अगर उन चिह्नों को समझा जा सके तो हम. उसके व्यक्ति को उघाड़ने में सफल हो सकते हैं । यह जो महावीर के नीचे 'सिंह' बना हुआ है, यह उसके व्यक्तित्व की पहचान की कुंजी है। पीछे उतर कर तादात्म्य स्थापित करना इसके लिए चेतना को निरन्तर शिथिल करना होगा और चेतना को उस स्थिति में ले आना होगा जहाँ चेतना में कोई गति नहीं रहती, जहाँ चेतना बिल्कुल, शिथिल, शान्त और विराम को उपलब्ध हो जाती है और शरीर बिल्कुल जड़ अवस्था को उपलब्ध हो जाता है शरीर जब जड़ हो और चेतना शिथिल और शून्य हो तब किसी भी वृक्ष, पशु, पौधे से तादात्म्य स्थापित किया जा सकता है। और एक मजे की बात है कि अगर वृक्षों से तादात्म्य स्थापित करना हो तो किसी खास वृक्ष से तादात्म्य स्थापित करने की जरूरत नहीं । वृक्षों की पूरी जाति के साथ एकदम तादात्म्य स्थापित हो सकता है क्योंकि वृक्षों के पास व्यक्तित्व अभी पैदा नहीं हुआ। अभी वे एक जाति की तरह जीते हैं । जैसे कि गुलाब के पौधे से तादात्म्य स्थापित करने का मतलब है समस्त गुलाबों से तादात्म्य स्थापित हो जाना क्योंकि किसी पौधे के पास अभी व्यक्ति का भाव नहीं है, अभी अहंकार और अस्मिता नहीं हैं । लेकिन मनुष्यों से अगर तादात्म्य स्थापित करना हो तो बहुत कठिन बात है | हाँ, आदिवासी जातियों से इकट्ठा तादात्म्य अभी भी स्थापित हो सकता है क्योंकि बे कबीले की तरह जीते हैं। उनका कोई व्यक्तित्व नहीं है लेकिन जितना समाज सभ्य होगा, जितना सुसंस्कृत होगा उतना मुश्किल हो जाएगा। जैसे अगर बटैंड रसल से तादात्म्य स्थापित करना हो तो सोधा व्यक्ति से तादात्म्य स्थापित करना होगा । अंग्रेज जाति से तादात्म्य स्थापित करने में और किसी