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( ४५ )
प्र. ६३ मः स्वामी ने क्या अभिग्रह किया था ?
उ.
बारह वर्ष तक कायोत्सर्ग करके देहाध्यास छोड़ने में प्रयत्नशील रहूंगा। मेरे अभिग्रह के अंतर्गत यदि कोई देव मनुष्य और तियंच संबंधित उपसर्ग आयेंगे तो मैं उन्हें सम्यक् प्रकार से सहन करूँगा । उपसर्ग देनेवालों को मैं क्षमा प्रदान करूँगा । मेरा श्रात्मिक रोग मिटाने के लिए उपसर्ग की तितिक्षा करूँगा । मैं निश्चय में दृढ़ रहूँगा । मैं किसी भी प्रकार की सहायता की किसी से अपेक्षा नहीं रखूँगा ।
प्र. ६४ म. स्वामी ने दीक्षा के बाद किस ओर विहार किया था ? कुमारग्राम की ओर ।
उ.
प्र. ६५ म. स्वामी ने दीक्षा के बाद कब विहार किया था ?
दिन की अंतिम दो घड़ी शेष रहने पर ।
उ.
प्र. ६६ म. स्वामी कुमार ग्राम में कहाँ रूके थे ?
उ.
कुमार ग्राम के नजदीक एक वृक्ष के नीचे बारह प्रहर का कायोत्सर्ग करके स्थिर खड़े रहे ।