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( ३२८ ) उ. बारह तरह की । प्र. ६६४ बारह तरह की परिषदा कौन-कौनसी होती है ?
भवनपति, वाणव्यतर, ज्योतिषी और वैमानिक यह चार प्रकार के देव और. देवियां,
मनुष्य और मानुषी, तिर्यंच और तिर्यचरणी । प्र. ६६५ म. स्वामी की अंतिम देशना में कितने
राजा उपस्थित थे ? उ. काशी-कौशल के १८ गणराजा । प्र. ६६६ म. स्वामी की अंतिम देशना में कौन-कौन
से राजा थे? उ.
ह मल्ली राजा और : लिच्छवी राजा। प्र. ६६७ म. स्वामी ने अंतिम देशना में कौन-कौन से
शास्त्र की प्ररूपणा की थी? उ. विपाक सूत्र (सुख विपाक-दुःख विपाक) और
उत्तराध्ययन सूत्र। प्र. ६६८ म. स्वामी ने अंतिम देशना में कितने अध्ययन
फरमाये थे?. विपाक सूत्र के ११० और उत्तराध्ययन सूत्र के ३६ । ३७वाँ प्रधान नामक मरुदेवी का अध्ययन कहते-कहते पयंकासन स्थित हुए।
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