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अव्यक्तजी, मंडितजी अंकपितजी और मौर्य-
पुत्र गणधर ।
प्र. ६५६ म. स्वामी ने ४२वाँ चातुर्मास कहाँ किया था ? पावापुरी (आपापापुरी) में |
उ.
प्र. ६५७ म. स्वामी ने चातुर्मास कहाँ किया था ? रज्जुग सभा में ।
उ.
प्र. ६५८ रज्जुग सभा किसकी थी ?
उ.
अपापापुरी के राजा हस्तिपाल की ।
प्र. ६५६ म स्वामी के पास कौन प्रश्न पूछने आया था ? ' पुण्यपाल ने प्रभु से आठ स्वप्न का फल पूछा था
उ.
प्र. ६६० म. स्वामी से स्वप्न फल जानकर राजा ने क्या किया था ?
.3.
प्रभु से स्वप्नफल विस्तार से जानकर राजा ने दीक्षा ले ली ।
प्र. ६६१ म. स्वामी ने अंतिम देशना कब दी थी ?
उ.
आश्विन कृष्णा - १४ और अमावस्या के दिन | प्र. ६६२ म. स्वामी ने अंतिम देशना कितने प्रहर दी थी ? अखंड १६ प्रहर (४८ घंटे) तक ।
उ.
प्र. ६६३ म. स्वामी की देशना के समय समवसरण में - धरण करने कितने तरह की आती है ?
परिषदा :