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रचना की । इसी समवसरण में भगवान ऋषभदेव ने प्रथम देशना दी। मरीचिकुमार अपने पिता के साथ प्रभु के दर्शनार्थ - वंदनार्थआये। प्रभु की देशना सुनकर मरीचिकुमार को वैराग्य समुत्पन्न हुआ। पिता की अनुमति लेकर प्रभु के चरणों में सर्वप्रथम संयमः ग्रहण किया ।
प्र. ३२ १६वें भव में विश्वभूति राजकुमार का जन्म कहाँ हुआ था ।
राजगृही नगर के राजा विश्वनंदी के छोटे भाई विशाखाभूति के यहाँ उनकी पत्नी धारिणी-रानी की कुक्षि से विश्वभूति का जन्म हुआ । प्र. ३३ विश्वभूति राजकुमार ने किसके पास संयम ग्रहण किया था ? संभूति मुनि के पास |
उ.
प्र. ३४ १८ वें भव में त्रिपृष्ठ वावुदेव का जन्म कहाँ हुआ था ?
उ.
उ.
दक्षिण भरतार्द्ध में पोतनपुर नगर के प्रजापति राजा के यहाँ उनकी द्वितीय पट्टराणी मृगावती की कोख से त्रिपृष्ठ वासुदेव का जन्म
हुआ था ।