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प्र. ४३७ म, स्वामी कृतंगला से विहार कर कहां
पधारे थे?
श्रावस्ती नगर। प्र. ४३८ म. स्वामी के पास श्रावस्ती में किसने श्रावक
धर्म स्वीकार किया था ? उ. नन्दिनीपिता और सालिहीपिता ने। प्र. ४३६ म. स्वामी ने २३वां चातुर्मास कहां किया था ? उ. वाणिज्यग्राम में । प्र. ४४० म. स्वामी ने चातुर्मास के बाद किस ओर
विहार किया था ? उ. ब्राह्मणकुड की ओर । प्र. ४४१ म. स्वामी ब्राह्मणकुड में कहां विराजे थे ? उ. बहुसाल चैत्य में । प्र. ४४२ म. स्वामी के पास कौन बात करने आया था ? उ. जमालि अनगार । प्र. ४४३ म. स्वामी से जमालि ने क्या कहा था ? उ. "भंते ! यदि आपकी आज्ञा हो तो मैं अपने
५०० शिष्यों के साथ पृथक् विहार करूं।" । प्र. ४४४ म. स्वामी जमालि की अस्थिर, मानसिक