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( २७६ ) स्वीकार कर तृष्णा एवं भोग-साधनों की
मर्यादा की। प्रे. ४१६ म. स्वामी के समवसरण में कौन आये थे? उ. भगवान पार्श्वनाथ की परंपरा के स्थविर
मुनिवर। प्र. ४१७ म. स्वामी से पार्श्वपत्य स्थविरों ने किस विषय
में समाधान चाहा था ? उ. लोक के संबंध में । प्र. ४१८ म. स्वामी से समाधान पाकर स्थविर श्रमणों
ने क्या किया था ? उ.
श्रमणों ने विनय पूर्वक वंदना की और बोले"भंते ! हम आपके पास चतुर धर्म के स्थान पर पंचमहाव्रतात्मक सप्रतिक्रमण धर्म स्वीकार
करना चाहते है।" प्र. ४१६ म. स्वामी ने श्रमणों से क्या कहा था। उ. “श्रमणों ! तुम सुखपूर्वक ऐसा कर सकते हो।" प्र. ४२० म. स्वामी की अनुमति पाकर श्रमणों ने क्या
किया था ? प्रभु की अनुमति पाकर सभी पार्श्वपत्य श्रमण महावीर के धर्म संघ में सम्मिलित हो गए।