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सम्राट! आप कैसी बात करते हैं ? सामा
यिक कभी बेची जा सकती है । प्र. ३३२ पूरिगया श्रावक की बात सुनकर महाराजा.
श्रेणिक ने क्या कहा था ? क्यों नहीं, प्रभु महावीर ने कहा है-पूणिया की एक सामायिक यदि मैं खरीद लुतो मेरी नरक गति टल सकती है ? बोलो, क्या मूल्य
उ.
चाहते हो?
प्र. ३३३ पूणिया ने सामायिक के मूल्य के सम्बन्ध में
परिणक से क्या कहा था ? राजन् ! जब प्रभु महावीर ने ऐसा कहा है तो उसका मूल्य भी उन्हीं से पूछ लीजिये।
मैं नहीं बता सकता। प्र. ३३४ म. स्वामी के पास जाकर श्रेणिक ने क्या
कहा था ?
भंते ! पूणिया श्रावक सामायिक बेचने को तैयार है, मैं उसका जो भो मूल्य होगा। दे दूंगा । आप कृपा करके इतना बता दीजिये
कि एक सामायिक का मूल्य क्या होना चाहिये । . ३३५ म. स्वामी ने श्रेणिक. को. उद्बोधित करते
हुए क्या कहा था ? . . .