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..१३. शत्रुमर्दन कहाँ के राजा थे ?. उ. जयंती नगर के प. १४ म. स्वामी ने कौन से भव में नीचं गोत्र का
. . वंधन किया था ? उ. मरीचि के तीसरे भव में ।
म. स्वामी ने नीच गोत्र का बंधन कैसे किया _ था ?
उच्च कुल का अहंकार करने से । प्र. १६ मरीचि कुमार कौन था ? उ. वर्तमान अवसपिणी काल में प्रथम तीर्थंकर
भगवान् ऋषभदेव हुए। उनके ज्येष्ठ पुत्र भरत प्रथम चक्रवर्ती थे। चक्रवर्ती भरत के अनेक पुत्रों में एक विशिष्ट तेजस्वी पुत्र था
मरीचि कुमार। प्र. १७ म. स्वामी को नीच गोत्र का बंधन कितने भव
तक रहा था ?
अंतिम भव तक। प्र. १८ म. स्वामी ने कौनसे भव में तीर्थकर नामकर्म
उपाजित किया था ? नन्द राजा के २५ वें भव में ।
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