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शंख वन में ।
प्र. २८० म. स्वामी से प्रलंभिका नगर किसने भावक पडिमा धारण की थी ? चुल्लशतक ने ।
( २४० )
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प्र. २८१ शंख वन में कौन रहता था ? पुद्गल परिव्राजक
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प्र. २८२ पुद्गल परिव्राजक कौन था ?
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वह विद्वान् और तपस्वी था। ऋग्वेद का गहन अभ्यासी था । दो-दो दिन का उपवासा करके सूर्य के सम्मुख ऊर्ध्वबाहु खड़ा होकर आतापना आदि भी लेता था। वह सरल और भद्र प्रकृति था । हृदय की सरलता और तपो जन्य प्रभाव के कारण उसे विभंगज्ञान उत्पन्न हुआ, जिसके द्वारा ब्रह्म देव लोक तक के : देवताओं की स्थिति जानने लगा। उसे लगा कि वस, संसार इतना ही है, जितना कि मैंने
देखा वह अपने अपूर्ण ज्ञान को ही पूर्ण
मानकर लोगों में उसका प्रचार करने लगा ।
प्र. २८३ म. स्वामी के पधारने पर पुद्गलः परिव्राजक
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