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( २२५ )
कौशंबी का राजा उदयन, राजमाता, मृगावती,. राज परिवार के सदस्यगरण, जयन्ती श्राविका आदि प्रभु के वंदनार्थ आये | हजारों नागरिकों की विशाल धर्मसभा को संबोधित कर भगवान: ने उपदेश दिया । प्रभु की धर्म देशना सुनकर :
धर्मसभा
अनेक व्यक्ति प्रतिर्वाधित हुए । विसर्जित हुई । राजपरिवार भी लौटा ।
प्र. २२३ म स्वामी के पास शंका का समाधान करनें
कौन रुकी थी ? जयंति श्राविका ।
प्र. २२४ जयति श्राविका कौन थी ?
उ.
कौशंबी नरेश सहस्त्रानीक की पुत्री, कौशंवी पति शतानीक की बहन, कौशंवी के राजा. उदयन की बुआ लगती थी । वह ग्रर्हत् धर्म: के रहस्यों की जानकार और अनन्य उपासिका थी । कौशंवी में आने-जाने वाले श्रमरण--- श्रमणियों को ग्रावास देनेवाली प्रथम स्थान दात्री के नाम से प्रसिद्ध थी ।
प्र. २२५. म. स्वामी से जयंति श्राविका ने किस प्रकार से प्रश्न पूछे थे ?