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जैसे सुयोग्य पुत्र को पाकर 'राजमाता' का गौरव पूर्ण सम्बोधन भी सुनना चाहती हूँ ।" प्र. १७६ धारिणी रानी के प्रस्ताव को सुनकर मेघकुमार ने क्या उत्तर दिया था ?
"माताजी ! ठीक है ! मैं आपकी आज्ञा का पालन करूँगा । सिर्फ एक दिन के लिए. मगध के राजसिंहासन पर बैठना मुझे स्वीकार है । " मेघकुमार ने विनम्रता से कहा, पर उसके हर शब्द में दृढ़ता और विरक्ति अभिव्यक्त थी ।
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प्र. १८० महाराज श्ररिक ने महारानी के प्रस्ताव पर क्या किया था ?
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रानो के प्रस्तावानुसार महाराज श्रोणिक ने मेघकुमार का राज्याभिषेक किया, एक दिन के लिए पूरे राज्य में मेघ कुमार के शासन को उद्घोषणा कर दी गई। महाराजा श्र ेणिक स्वयं मेघकुमार के समक्ष उपस्थित होकर बोले - "मेघकुमार ! राजकीय घोषणा के अनुसार मैं श्रेणिक, तुम्हारा मगधपति के रूप में अभिवादन करता हूँ, प्रदेश दो. मैं तुम्हारे लिए क्या करू ?"